अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को 'मेडिसिन फ्रॉम द स्काई' परियोजना का शुभारंभ किया। ये इस तरह की पहली योजना है, जिसका उद्देश्य ड्रोन का उपयोग करके दूर-दराज के क्षेत्रों में टीकों, दवाइयों और अन्य आवश्यक उत्पादों को पहुंचाना है। अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर तेलंगाना के 16 ग्रीन जोन में शुरू किया गया है। बाद में आंकड़ों के आधार पर इसे राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया जाएगा।
कार्यक्रम में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि अभी 'मेडिसिन फ्रॉम द स्काई' परियोजना को 16 ग्रीन जोन में शुरू किया गया है। बाद में तीन महीने के डेटा का विश्लेषण किया जाएगा। जिसमें स्वास्थ्य मंत्रालय, आईटी मंत्रालय, राज्य सरकार और केंद्र शामिल रहेगा। इसके बाद पूरे देश के लिए एक मॉडल तैयार होगा। उन्होंने आगे कहा कि आज का दिन ना केवल तेलंगाना के लिए बल्कि पूरे देश के लिए क्रांतिकारी दिन है।
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक एनडीए सरकार ने जो नई
ड्रोन नीति लाई है, उसने फॉर्म के नंबर को 25 से 5 कर दिया, जबकि फीस चार्ज को 72 से 4। अब ग्रीन जोन में ड्रोन उड़ाने के लिए किसी भी तरह की परमिशन की जरूरत नहीं पड़ेगी। अगर कोई शख्स येलो जोन में ड्रोन उड़ाना चाहता है, तो उसे NOD लेना होगा जबकि रेड जोन में ये पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में ड्रोन नीति की परिकल्पना की गई थी। एक इंटरेक्टिव एयरोस्पेस नक्शा तैयार हो रहा। साथ ही राज्यों की मदद से विभिन्न क्षेत्रों को चिह्नित भी किया जा रहा है।
आपको बता दें कि द मेडिसिन फ्रॉम द स्काई प्रोजेक्ट विश्व आर्थिक मंच, नीति आयोग और अपोलो हॉस्पिटल्स के हेल्थनेट ग्लोबल के साथ साझेदारी में तेलंगाना सरकार की एक पहल है। विकाराबाद जिले के पहचाने गए हवाई क्षेत्र में प्रायोगिक बियॉन्ड विजुअल लाइन ऑफ साइट (बीवीएलओएस) ड्रोन उड़ानों को संचालित किया जा रहा है। इसके तहत एक ड्रोन 9-10 किमी की दूरी तय करेगा।
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